लाल
भिंडी
परिचय
भारतीय किसान पारंपरिक फसलों की खेती से परे अब नई-नई
फसलें और तकनीकों से कृषि कर रहे हैं। किसानों की आय को दोगुना करने का जो सपना
केंद्र सरकार ने देखा है, वह मानो पूरा होता हुआ दिखाई दे रहा है। किसान नई फसलों को अपने खेतों में
स्थान देकर अच्छी कमाई कर रहे हैं। ड्रैगन फ्रूट की खेती के बाद अब भारतीय किसान लाल भिंडी की खेती करने के लिए उत्सुक हैं। आपने हरी भिंडी के बारे में
जरूर सुना होगा, लेकिन लाल भिंडी (Red Okra) के बारे में शायद पहली बार पढ़
रहे होंगे। इसे काशी लालिमा भी कहा जाता है। भिंडी की इस किस्म की कीमत बाजार में
काफी ज्यादा है और बड़े शहरों के लोग इसे ऊँचे दाम पर भी इसे खरीदने के लिए तैयार
हैं।
भारत
में लाल भिंडी / काशी लालिमा की खेती
हरी सब्जी सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है, लेकिन
अब इनके रंगों में बदलाव किया जा रहा है। हरी दिखने वाली भिंडी अब आपको लाल रंग
में भी दिखाई देगी। उत्तरप्रदेश के वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान
ने भिंडी को लाल रंग में उगाया और वे ऐसा करने में कामयाब हुए। इसे काशी लालिमा
नाम दिया गया। भिंडी की इस नई किस्म में हरी भिंडी के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व
हैं। बाजार में इसके बीज उपलब्ध होने के बाद से मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र
और छत्तीसगढ़ में किसानों ने इसकी खेती करना शुरू कर दिया है।
अनुकूल
जलवायु व उपयुक्त मिट्टी
जलवायु व तापमान: वर्ष
में दो बार लाल भिंडी की खेती की जा सकती है। फ़रवरी-मार्च व जून-जुलाई में आप
इसकी खेती का सकते हैं। इसकी की खेती के लिए गर्म और कम आद्र जलवायु अनुकूल होती
है। पौधों के विकास के लिए 5-6 घंटे की
धुप आवश्यक होती है। साथ ही इसे ज्यादा पानी की आवश्यकता भी नहीं होती। मध्यप्रदेश
व उत्तरप्रदेश के किसानों ने लाल भिंडी की खेती करना शुरू कर दिया है।
उपयुक्त मिट्टी: बलुई
दोमट मिट्टी लाल भिंडी की खेती के लिए उपयुक्त होती है। ध्यान रहे मिट्टी जीवांश व
कार्बनिक पदार्थ युत होनी चाहिए। बीज/ पौधा रोपण करने से पूर्व मिट्टी के PH मान की जांच अवश्य कर लें। इसकी खेती के लिए मिट्टी का PH मान सामान्य होना चाहिए।
खेत
तैयार करने की प्रक्रिया
· किसान मानसून व ग्रीष्म ऋतू के समय
लाल भिंडी की खेती कर सकते हैं।
· बुआई से
पहले अच्छी तरह खेत की जुताई करें और कुछ समय जी लिए खुला छोड़ दें।
· यदि आप एक एकड़ में इसकी खेती कर
रहे हैं तो इसमें 15 गाडी
पुरानी गोबर की खाद डालें और अच्छी तरह खेत की जुताई कर दें। ऐसे करने से गोबर की
खाद मिट्टी में अच्छी तरह से मिल जाएगी।
· प्रति हैक्टेयर के हिसाब से 100 कि.ग्रा.
नाइट्रोजन, 60 कि.ग्रा.
फास्फोरस, 50 कि.ग्रा.
पोटाश खेत में डाल दें।
· अब खेत में पानी छींट दें और पलेव
कर दें।
· 2-3 दिन
बाद, जब जमीन की
उपरी सतह सूखने लगे तब दोबारा इसकी जुताई कर दें।
· इसके बाद खेत को समतल करने के लिए
पाटा चला दें।
लाल भिंडी हेतु बीज रोपण की विधि
खेत तैयार करने के बाद अब बीज रोपण की बारी आती है। इसके लिए
सर्वप्रथम आप काशी लालिमा (Lal Bhindi) के
बीजों को 10-12 घंटे के लिए
पानी में भिगो कर रख दें। बीज का अच्छी तरह से अंकुरण हो इसके लिए इन्हें छाया में
सुखा दें। लाल भिंडी के पौधों को लाइन से रोपित करें। लाइन से लाइन की दूरी 45-60 सेंटीमीटर व लाइन में पौधे से पौधे के बीच 25-30 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
रोग व बचाव
वैसे अन्य सब्जियों के मुकाबले लाल भिंडी में कम रोग लगते हैं। भिंडी
की इस किस्म में मच्छर, इल्ली और दूसरे कीट जल्दी नहीं लगते, लेकिन इसके पौधे को लाल मकड़ी से खतरा रहता है। ये पौधों की पत्तियों
के नीचे की साथ पर झुण्ड बनाकर रहने लगते हैं और इनका रस चूसते रहते हैं। इससे
पौधे का विकास रुक जाता है और धीरे-धीरे पूरा पौधा पीला होकर सूख जाता है। इससे
बचने के लिए पौधों पर डाइकोफॉल या गंधक का सही मात्रा में छिडकाव करना चाहिए।
लाल भिंडी की कीमत व कमाई
बाज़ार में मिलने वाली सामान्य भिंडी की अपेक्षा लाल भिंडी के दाम
काफी ज्यादा है। हरी भिंडी जहाँ 50 रुपए
किलो तक की कीमत पर मिलती है, वहीँ
इसकी कीमत (Red Lady Finger Price in India) 400 से 800 रुपए किलो तक जाती है। बड़े शहरों के मॉल में लोग इसे 300-400 रुपए प्रति 250/500
ग्राम तक में खरीदने को तैयार हैं। एक एकड़ में करीब 40 से 50 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है। इसकी
फसल भी सामान्य भिंडी की अपेक्षा जल्दी पक जाती है। करीब 45 से 50 दिनों में यह फसल तैयार हो जाती है।
इसकी खेती से आप कम समय में ही अच्छी कमाई कर सकते हैं।
लाल
भिंडी खाने के फायदे
· कमाई के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए
भी लाल भिंडी बेहद फायदेमंद है।
· लाल रंग की भिंडी एंटी ऑक्सीडेंट, आयरन और
कैल्शियम समेत अन्य पोषक तत्वों से भरपूर मात्र में पाए जाते हैं।
· इसमें पाए जाने वाले एंटी
ऑक्सीडेंट तत्व आपके दिल को सेहतमंद बनाते हैं।
· हृदय, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या
का सामना कर रहे लोगों के लिए यह बेहद लाभकारी है।
· इसमें फोलिक एसिड भी पाया जाता है।
· जिन गर्भवती महिलाओं में फोलिक
एसिड की कमी होती हैं, लाल
भिंडी उसे दूर करती है।